Wednesday, February 12, 2020

264..जीवन की ढलती साँझ में गीत मेरे सुनने आना

किस डे

इस दिन सच्चे प्रेमी-प्रेमिका 
किस के जरिए अपना प्यार जताते हैं।
चलिए दो दिन और वेलेनटाईन की बातें कर लें
फिर अपनी वही दिन और वही रात
सादर अभिवादन
रचनाएँ कुछ यूँ है

प्रतिकार लिख मेरी कलम !
मत लिख अब बंसी की धुन,
मत लिख भौंरों की गुनगुन,
अब झूठा विश्वास ना बुन,
लिख, फूलों से काँटे चुन !
बहुत हुआ, अब कटु सत्य
स्वीकार, लिख मेरी कलम !


बस केवल
खादी का ही
ताना बाना
रहने दो ना ..
वादों को
सनम ...


लक्ष्य को जो विलग हुई हूँ घने तरूवर से,
भटकती जो अटक गयी कांटो की झाड़ी में,
गति के झोंकों से बढ़ूँ,वीरान पाती हूँ,
माटी में जाकर मिलूँ,मैं माटी का कण हूँ।

व्याकुल पथिक .....प्रीति का ये कैसा रंग ..!

"जान ! ये मेरा आखिरी वैलेंटाइन डे है।"

मोबाइल पर बात करते हुये सोनाक्षी कुछ इसतरह रुआँसी हो गयी थी कि सुमित तड़प उठा था। 
उसने खुद को संभालते हुये कहा- " यूँ उदास न हो ,मेरे मनमंदिर में तुम सदैव रहोगी।"


क्षितिज में रेणु
जीवन की ढलती साँझ में
गीत मेरे सुनने आना
मन के   तटपर यादों की
सीपियाँ  चुनने आना

लिख जिन्हें पास अपने
 छिपा रख लेती हूँ मैं
एकांत में कभी  इन्हें
पढ़ रो कभी हँस देती हूँ मैं
ख़त    तुम्हारे  नाम के
चुपके से कभी पढने आना




7 comments:

  1. आज तो बिल्कुल समसामयिक प्रस्तुति है ।

    रेणु दी ने बिल्कुल सही कहा जीवन की संध्याकाल में ही किसी मीत अथवा मनमानी की सर्वाधिक आवश्यकता होती है।
    जब वासना से मनुष्य ऊपर उठ चुका होता है , तब प्रेम का वह गीत
    कृष्ण की बांसुरी से निकलकर राधा तक पहुँँच जाता है।
    और फिर भक्तों का ईश्वर से मिलन हो जाता है।
    मेरी रचना को इस प्रतिष्ठित मंच स्थान देने के लिए आपका आभार यशोदा दी।

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    1. और यह गीत मीरा को कृष्ण में समाहित कर देता है।

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  2. अब यह दोनों (पुष्प) सत्यम शिवम सुंदरम का संदेश दे रहे हैं

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  3. सुंदर प्रस्तुति 👌👌👌

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  4. आदरणीया यशोदा दीदी, ब्लॉग पर आपकी उपस्थिति से उत्साह व आनंद दोगुना हो जाता है। मुखरित मौन में मेरी रचना को स्थान दिया,बहुत बहुत आभार दी।

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  5. आदरनीय दीदी , आपकी प्रस्तुती -- हल्की फुलकी और सार्थक |मेरी साधारण जी रचना भी इसका हिस्सा बनी , मेरे लिए गर्व का विषय है |आपके सहयोग की हमेशा आभारी हूँ | प्रणाम और आभार |

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  6. बेहद खूबसूरत एवं सार्थक रचनाओं से परिपूर्ण प्रस्तुति।सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ

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