Friday, October 8, 2021

784..उच्च-वर्ग की सजी रसोई, मिडिल क्लास का चौका सूना

सादर अभिवादन
नवरात्रि चालू आहे
आज माताश्री दर्शन ब्रह्मचारिणी के रुप में

माँ दुर्गाजी का यह दूसरा स्वरूप भक्तों और सिद्धों को अनन्तफल देने वाला है। इनकी उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। जीवन के कठिन संघर्षों में भी उसका मन कर्तव्य-पथ से विचलित नहीं होता।

माँ ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से उसे सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है। दुर्गा पूजा के दूसरे दिन इन्हीं के स्वरूप की उपासना की जाती है। इस दिन साधक का मन ‘स्वाधिष्ठान ’चक्र में शिथिल होता है। इस चक्र में अवस्थित मनवाला योगी उनकी कृपा और भक्ति प्राप्त करता है।

इस दिन ऐसी कन्याओं का पूजन किया जाता है कि जिनका विवाह तय हो गया है लेकिन अभी शादी नहीं हुई है। इन्हें अपने घर बुलाकर पूजन के पश्चात भोजन कराकर वस्त्र, पात्र आदि भेंट किए जाते हैं।

आज की रचनाएँ..


उच्च-वर्ग की सजी रसोई, मिडिल क्लास का चौका सूना
कार्पोरेटी रेट बढ़ा कर, कमा रहे हैं हर दिन दूना।।

मध्यम-वर्ग अकेला भोगे, महँगाई की निठुर यातना
कौन यहाँ उसका अपना है, जिसके सम्मुख करे याचना।।




चुनावी चक्र चल गया। सारा नगर दहल गया।।
व्याख्यानबाजियाँ चलीं। वो जालसाजियाँ चलीं।।

होतीं सभाएँ शाम को। एकत्र कर तमाम को।।
कुछ ताल ठोंक बैठते। मूँछें गजब की ऐंठते।।




ज्ञानपीठ नालंदा मे था
गुरुजनों का प्रसाद
किसी जमाने में बच्चों
मैं रहा बहुत आबाद

राजा कुमार गुप्त ने
मुझे स्थापित करवाया
पाली भाषा में विद्यार्थी
करते पठन संवाद




मैं आज भी वहीं हूँ खड़ा, जहाँ से निकलती
थी एक धुंधली सी रहगुज़र, न जाने
कितनी बार उजड़ कर बसता
रहा, उस मोड़ के आगे
जो झिलमिलाता
सा है एक
ख़्वाबों
का शहर,


आज बस इतना ही
सादर


 

3 comments:

  1. सुंदर सारगर्भित रचनाओं से सज्जित सार्थक संकलन ।

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  2. सुंदर, सार्थक रचना !........
    ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

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