भारतरत्न सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिन पर
शिक्षक दिवस मनाते हैं
उनके सुन्दर सद्चिन्तन से
जन-जन प्रेरणा पाते हैं.
श्रेष्ठ चिन्तक और मनीषी
आदर्श शिक्षक थे महान
शिक्षा की क्रांति लाने में
अहम् था उनका योगदान.
सामान्य नहीं होते हैं शिक्षक
वो होते हैं शिल्पकार
गीली मिट्टी को संवारनेवाला
जैसे होते हैं कुंभकार .
शिक्षा का ये रूप नहीं है
हो केवल अक्षर का ज्ञान
पथ के तिमिर मिटाने वाले
शिक्षक होते ज्योति समान.
संयम सेवा अनुशासन का
वो देते हैं सदा प्रशिक्षण
जीने की वो कला सिखाते
सहज-सरल बनाते जीवन.
शिक्षक होते पथ प्रदर्शक
वो होते मन के आधार
मानव-मूल्यों को सिंचित करके
उर में भरते सुभग विचार.
शिक्षण के महत्त्व को समझे
सार्थक हो इनकी पहचान
बस प्रतीक का पर्व बने ना
पावन हो शिक्षक की शान.
-भारती दास
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आज एकल रचना प्रस्तुति
बहुत बहुत धन्यवाद सर
ReplyDeleteआपका स्नेह पाकर अभिभूत हो गई
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
शुभकामनाएं
ReplyDeleteसुंदर सराहनीय रचनाएं,शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवम ।
ReplyDeleteआपको भी शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत बधाइयां
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