सादर अभिवादन
ख़ामोशी का मतलब
लिहाज भी होता है
पर कुछ लोग इसे
कमज़ोरी समझ लेते हैं
चलिए रचनाओं की ओर...
सवाल
जवाब सवालों के नहीं होते
सवालों में होते हैं
सवाल होने पर परेशान होने से बेहतर है
सवालों से घिरे रहना
जवाब की खोज में भटकने से बेहतर है
बेहतर सवालों की खोज में निकल पड़ना.
कहाँ तो तय था चराग़ाँ हर एक घर के लिये
कहाँ चराग़ मयस्सर नहीं शहर के लिये
यहाँ दरख़्तों के साये में धूप लगती है
चलो यहाँ से चले और उम्र भर के लिये
विद्यालय के छात्रों के अनुसार गुरु जी ने ज्ञान प्रदान करते हुये अपने छात्रों को बताया कि “हिंदुओं की गायत्री काल्पनिक है, सरस्वती अशिक्षित है वह किसी को क्या ज्ञान देगी । मैं तुम्हारे भगवान को खूँदूँगा (कुचल दूँगा) । तुम लोग भी भगवान को मत मानो । श्रीकृष्ण की सात गर्ल-फ़्रेण्ड थी, वे लड़कियों को स्नान करते समय देखते थे और उनके कपड़े छुपाते थे”।
तेरे मेरे ज्ञान की
किस को क्या दरकार है
चार किताब जो पढ़ गया
बन गया विद्वान है
जो था उसे पा लिया
खो दिया अज्ञात है
हैं इन्द्रियों की ख़ामियाँ
अनजान से अनजान है
आज सुबह 6.57 तक इतनी रचना अनपढ़ी मिली
आज के लिए बस
कल फिर..
बहुत सुंदर लिंक्स संयोजन, यशोदा दी।
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