Thursday, July 29, 2021

714 ..स्याही भी यही पूछती है मुझसे, क्यूँ लिखती हो उसका नाम

सादर अभिवादन
आज एक कोर-कट(नया) ब्लॉग
चालू तो है 2013 से और अब तक
चल रहा है.. विदित ऐसा होता कि 
रचनाकार सिर्फ और सिर्फ
अपनी संतुष्टि के लिए ही लिखती है
डॉ. वन्दना शर्मा..
आप हिन्दी का एक और अंग्रेजी के तीन ब्लॉग लिखती हैं 
अपने बारे में कुछ ऐसा भाव लिखी है
बिखरे हुए मोती, कुछ बिखरे हुए पल  

रचनाएँ देखें ...

उम्मीद से सजी है दुनिया मेरी ,
तुम्हारी ही कल्पनाओं से,
नमन है तुम्हें मेरा, इन कविताओं से l


देखूं जब बादलों को उड़ते ,
कुछ याद आता है।
तुम्हारा दर्द और कराहना ,
कभी रोना और चहचहाना ,
उम्मीद है स्मरण रखोगे बिताये पल,
जब भी तुम इस और आना।
यूँ ही बस कुछ याद आता  है............


अडिग, अखंड, पहाड़ों की छवि मन में उकेरित है ,
न जाने कितने मेरे स्वपन इन पहाड़ों से प्रेरित  हैं।

पहाड़ी धुन का राग  मन गुनगुनाता है ,
पहाड़ों की सुंदरता में ही जीवन समाता  है।


हर राह , हर मोड़ पर तुम्हें पाने की,
आदत हो गयी है।

कुछ लिखूं या न लिखूं ,
बस तुम्हारे बारे में लिखने की,
आदत हो गयी है।


अब पन्नों  की एक किताब,
फड़फड़ा  रही है,
रुआंसे कोने में |

स्याही भी यही पूछती है मुझसे,
क्यूँ लिखती हो उसका नाम,
जिससे  कभी ना जुड़ा तुम्हारा नाम?


ज्यों मोती गिरते झर-झर,
वैसे हैं बूंदों के स्वर।

एक सुन्दर स्वपन जैसा,
बूंदों का आवरण ऐसा।


अचानक यूँ चलते चलते इन सूनी राहों पर,
लगा, कि शायद तुम मिल जाओ,
न कोई सवाल, न कोई जवाब,
बस यूँ ही मुझे तुम मिल जाओ ।


11 comments:

  1. सभी कविताएं अत्यंत भावपूर्ण हैं।

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  2. सुंदर प्रस्तुति । वंदना जी के बारे में जानकर अच्छा लगा। बहुत सुंदर हैं सभी रचनाएं भावपूर्ण और पठनीय है। ब्लॉग फॉलो कर लिया है। हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई वंदना जी।

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  3. आज फेसबुक पर तुमने ये शेयर की थी । तभी जा कर इनका ब्लॉग देखा था । सभी रचनाएँ बेहतरीन ।

    बस यूँ ही को बस यूँ ही नहीं पढ़ पाए । दरअसल टेक्सट का रंग ऐसा था कि मेरे लिए पढ़ना कठिन हो गया ।
    बहुत अच्छी प्रस्तूति ।

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  4. , सुन्दर प्रस्तुति 🙏

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  5. बहुत सुन्दर भाव प्रबल रचनायें हैं। हार्दिक अभिनंदन!!

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  6. सुंदर रचनाओं का संकलन हैं वंदना जी की रचनाएँ,बहुत बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं।

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  7. सभी रचनाएं बहुत सुन्दर एवं पठनीय... वंदना जी का ब्लॉग फॉलो कर लिया है बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं वंदना जी!
    सुंदर रचनाएं पढ़वाने हेतु यशोदा जी का आभार।

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  9. This comment has been removed by the author.

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  10. आप सभी का सादर अभिनन्दन,

    मुझे बहुत ख़ुशी है, कि सभी इतने अच्छे रचनाकारों को मेरी कवितायेँ पसन्द आयीं ।

    आप सभी के स्नेह और प्रोत्साहन का बहुत बहुत धन्यवाद।

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  11. Very Good Blog And Nice Information
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