सादर अभिवादन
श्रावण बदी 1
"बोलबम" के उदघोष के साथ
मीरा चानू ने भारत को पहला रजत पदक दिलवाया
वेटलिफ्टिंग में मणिपुर की मीरा ने "डिड नाट फिनिश" को सही साबित कर दिया
मीरा चानू ने भारत को पहला रजत पदक दिलवाया
वेटलिफ्टिंग में मणिपुर की मीरा ने "डिड नाट फिनिश" को सही साबित कर दिया
आज की रचनाएं अनुपमा दीदी की अनुपम रचनाओं के साथ
आदरणीय दीदी अपने बारे में स्वयं बता रही है
महाविद्यालय में पढ़ाया .आकाशवाणी में गाया और फिर सब सहर्ष छोड़ गृहस्थ जीवन में लीन हो गई .अभी भी लीन हूँ किन्तु कुछ मन में रह गया था जो उदगार पाना चाहता था .अब जब से लिखने लगी हूँ पुनः गाने लगी हूँ ...मन प्रसन्न रहता है .परिवार ...कुछ शब्द और एक आवाज़ .....बस यही परिचय है ....आप सभी मित्रों से स्नेह की अभिलाषा है ...
....
आज की तलाश....
जीवन है तो चलना है -
जग चार दिनों का मेला है -
इक रोज़ यहाँ ,इक रोज़ वहां -
हाँ ----ये ही रैन -बसेरा है .....!!
आँख से कहती हुई ,
बन बन में भटकती हुई
तेरे दीदार की हर पल में बसी
खुशनुमा ख़्वाहिश हूँ मैं !!
बिन सतगुरु आपनो नहीं कोई ...
आपनो नहीं कोई ...
जो यह राह बतावे ...
कहत कबीरा सुनो भाई साधो ..
सपने में प्रीतम आवै ...
तपन यह जिया की बुझावे ...
नैहरवा हमका न भावे
बुनकर सा हृदय आज भी
बुन लेता है
अभिरामिक शब्दों को
आमंजु अभिधा में ऐसे ,
जैसे तुम्हारी कविता
मेरे हृदय में स्थापित होती है ,
अनुश्रुति सी ,अपने
अथक प्रयत्न के उपरान्त !!
हाँ ..... आज भी ..!!
कह तो लूँ .....
पर कोयल की भांति कहने का ...
अपना ही सुख है ...
बह तो लूँ ......
पर नदिया की भांति बहने का .....
अपना ही सुख है ...
अदृश्य होकर भी दृष्टोगोचर
लुकता नहीं है ,छिपता नहीं है ,
झुकता नहीं है प्रेम
गौरव से मस्तक है ऊँचा
ईश्वर के समरूप है सच्चा
निर्बल को भी बल देता है प्रेम ...............!!
कुछ दूर मुझसे यूँ मेरा क़िरदार जा बसा ,
वही खोज तरन्नुम की जहाँ खो गया हूँ मैं
वाबस्ता नहीं मुझसे ये दीदारे हुनर भी ,
इक बूँद में सागर का जिगर बांचता हूँ मैं
.....
आज बस यहीं तक
कल से तलाशी अभियान
में परिवर्तन, थोड़ा मुश्किल जरूर है
पर असंभव नहीं
सादर
.....
आज बस यहीं तक
कल से तलाशी अभियान
में परिवर्तन, थोड़ा मुश्किल जरूर है
पर असंभव नहीं
सादर
अहा आज तो मुझे आपने सावन का उपहार दे दिया यशोदा!! इतना प्यार कि आह्लादित हूँ !बड़े ही परिश्रम से ये लिंक संयोजन किया आपने। मेरा पसंदीदा भजन भी है इसमे। कैसे आपको धन्यवाद दूँ समझ ही नहीं पा रही । बस इसी तरह अपना प्यार बनाए रखिएगा। मेरी तरफ से ढेर सारा प्यार आपको!!
ReplyDeleteआप आई आभार..
Deleteआह्लादित हुई
सादर नमन
बधाई ..मीरा चानू को
ReplyDeleteनारी जाति का नाम उज्जवल किया...
आदरणीय दीदी की रचनाएं नहीं पढ़ी अब तक
पढ़ूँगी जरूर
नमन दीदी को
सादर..
इनका ब्लॉग पढ़ती रही हूँ । बहुत खूबसूरत शब्दों के संयोजन से रचनाएँ लिखतीं हैं । अनुपमा को मेरी हार्दिक बधाई ।13119
ReplyDeleteदी आपका हार्दिक धन्यावाद! आपने तो शुरू से ही मुझे बहुत प्रोत्साहित किया है और बहुत प्यार भी दिया है। कैसे आपका आभार व्यक्त करूँ समझ नहीं पा रही । अपना आशीर्वाद यूँ ही बनाए रहिएगा!!
Deleteसुंदर रचनाओं के साथ अभिनव प्रस्तुति आदरणीय दीदी! अनुपमा जी के ब्लॉग से कुछ दिन पहले ही परिचय हुआ है। भावपूर्ण अभिव्यक्ति के साथ प्रेम, आध्यात्म, सामाजिक विमर्श इत्यादि विषयों को अपनी कलम के माध्यम से शब्दों में समेटने वाली सुदक्ष कवियत्री अनुपमा जी के ब्लॉग से परिचय करवाते इस सुंदर अंक के लिए हार्दिक आभार और बधाई। अनुपमा जी का सुंदर परिचय उनके बहुआयामी व्यक्तित्व को दर्शाता है। उनके जीवन का संतोष उनके लेखन में झलकता है। अनुपमा जी का हार्दिक अभिनंदन हैं। उनके लेखन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।🙏🙏🌷💐
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद रेणु जी!!
Deleteअविस्मरणीय प्रस्तुति कबीरवाणी, अनुपमा जी के मधुर स्वर में !!! सबको सुननी चाहिए👌👌👌🙏🙏🌷🌷💐💐
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद आपका रेणु जी!!
Deleteमीराबाई के साहसिक कौतुक और उपलब्धि पर गर्व है। बेटियों की शक्ति को कोटि नमन 🙏🙏🙏🌷🙏
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति के साथ अनुपमा जी के इस साक्षात्कार का स्वागत, आभार और बधाई!
ReplyDeleteसादर हार्दिक धन्यवाद आपका विश्वमोहन जी !!
Deleteसादर हार्दिक धन्यवाद आपका विश्वमोहन जी !!
ReplyDeleteआज अनुपमा जी का गायन और लेखन दोनों से रूबरू कराने के लिए आपका हार्दिक शुक्रिया दीदी । गायन से तो मुग्ध हो गई,बहुत मधुर ,सुंदर लय, रचनाएँ भी लाजवाब ।अनुपमा जी को बहुत बहुत बधाई 💐💐
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद जिज्ञासा जी🙂❤🙏
Deleteअरे वाहsss मन प्रसन्न हुआ ... आपका गायन सुन, निर्बल को भी बल देता है प्रेम ... क्या कहने आपकी हर पोस्ट बेमिसाल है।
ReplyDeleteअनंत बधाइयां स्नेह वंदन संग 🙏🏼🙏🏼
बहुत बहुत धन्यवाद सीमा जी !! ढेर सारा प्यार भी !!
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