Tuesday, July 20, 2021

705 ..बिटिया, जीत तो तुम्हारी ही होती है

सादर अभिवादन
आज उम्मीद हरी है
छिंदवाड़ा निवासी श्री ज्योति खरे
अपने पुत्र या पुत्री से मिलने ओमान गए थे
पिछले दिनों और लॉकडाऊन में फंस कर रह गए थे
वहां से भी साहित्यसेवा में लगे रहे और अपने आपको वे
अपनी ज़मीन पर खड़ा एक साधारण आदमी ही कहते हैं

इनके ब्लॉग में अब तक..
अब तक 350 फॉलोव्हर कुल पृष्ठ दृष्य 11 37 76

आपकी तीन प्रस्तुति ऐसी है जिनमें  
पहली प्रतिक्रिया मेरी है
मिलिए भाई जी से इस व्हाईटबोर्ड पर...

चाहिये
किताबों,शब्दों से जुडे लोग
बूढों में बचपना
सुंदर लड़कियां ही नहीं
चाहिये
पोपले मुंह वाली वृद्धाओं  में
खनकदार हंसी------

समर्थक परजीवी हो रहें हैं
सड़क पर कोलाहल बो रहें हैं----

शिकायतें द्वार पर टांग कर
हस्ताक्षर सलीके से रो रहें हैं----


सीढ़ी पर बैठकर बच्चे
घुप्प अंधेरे और
आतंक के साये में
जीवन की नयी संभावनाओं का
तार-तार बुन रहे थे
पढ़ रहे थे
मनुष्यता का पाठ


कुछ कागज में लिखी स्मृतियाँ
कुछ में सपने
कुछ में दर्द
कुछ में लिखा चाँद
 
चांद रोटियों की शक्ल में ढल गया
भूख और पेट की बहस में
गुम गयी
अंतहीन सपनो के झुरमुट में स्मृतियां



पायलों की आहट सुनकर
सचेत हो जाता है आईना
वह जानता है
आईने के सामने ही खड़ी होकर
अपने होने के अस्तित्व को
सजते सवंरते स्वीकारती हो
....
उपरोक्त रचनाओँ में से तीन रचनाएं
पहली बार ब्लॉग जगत में पढ़ी जाएँगी
......
ब्लॉग सम्पर्क फार्म लगा दिए हैं
सादर

16 comments:

  1. अवश्य देखता हूं और सभी रचनाएं बहुत अच्छी हैं, प्रतिक्रिया देखने के बाद।

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    1. आभार भाई संदीप जी..
      आप आए,अच्छा लगा..
      सादर..

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  2. आदरणीय दीदी,एक अंतराल के बाद नए कलेवर में अंक को सजाने के लिए आपका जितना अभिनंदन हो कम है,आखिर ये श्रमसाध्य कार्य जो है,बहुत शुभकामनाएं,ज्योति जी की कुछ रचनाएँ पढ़ीं कुछ बाकी हैं। बहुत ही सार्थक और सारगर्भित हैं,बहुत बहुत बधाई आपको और ज्योति जी को।
    आप का संदेश मिल चुका है,जल्दी हो लिंक भेजूंगी ,आपको मेरा सादर नमन और वंदन।

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    1. आभार...
      प्रतीक्षा रहेगी
      सादर..

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  3. ज्योति जी के लिये शब्द नहीं हैं। अद्भुद भी कम है।

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  4. यशोदा बहन को सादर प्रणाम
    यह मेरा सौभाग्य है कि ब्लॉग जगत की सबसे अधिक सक्रिय,सृजनशील और चर्चित हस्ती ने मुझे यह सम्मान दिया.
    यशोदा बहन हमेशा ब्लॉग जगत के सभी वरिष्ठ और युवा रचनाकारों को बराबरी से सम्मान देती हैं,
    और अपने ब्लॉग में उनके ब्लॉग लिंक को साझा कर प्रोत्साहित करती है.
    साहित्य में इस तरह की निःस्वार्थ सेवा विरले ही करते हैं.
    आज मुझे जो सम्मान मिला उससे मैं अभिभूत हूं
    ब्लॉग जगत के सभी पाठकों मित्रो को भी प्रणाम करता हूँ,जिनके कारण ऊर्जा मिलती रहती है.
    यशोदा बहन का बहुत आभार
    और उनके सार्थक कार्य के लिए साधुवाद
    सादर

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  5. बहुत बढियां , बहुत खूब

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  6. आदरणीय ज्योति खरे जी को पढ़कर मुझे सिखने को मिलता है कि कविता किसे कहते हैं और कविता लिखी कैसे जाती है। आदरणीय सुशील जी से पूरी तरह सहमत हूँ।

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  7. नव बिम्ब विधान और अतुल्य सृजन शैली में बंधी आदरणीय ज्योति सर की रचनाएँ अपनी मिसाल आप हैं। जहां प्रेम की अपनी परिभाषा है तो अभिव्यक्ति का अनूठा मौलिक अंदाज। गूगल प्लस से वाकिफ हूं आदरणीय सरसे। इनसे परिचय पर गर्व है। फेसबुक पर नए रचनाकारों को ब्लैक बोर्ड मंच से आगे बढ़ाने का पुनीत कार्य करते हुए अपना यू ट्यूब चैनल भी संचालित करते हैं। ओमान प्रवास के दौरान भी अपनी सृजनात्मकता को पंख देते हुए अभिनव प्रयोग करते रहते हैं। आदरणीय सर को आज की सुंदर प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं। कामना है उनका सृजन निर्बाध रहे।🙏🙏💐💐

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  8. लाज़वाब शैली 👌👌👌👌👌--------

    तुम्हारे खामोश शब्द
    समुंदर की लहरों जैसा कांपते रहे
    और मैं प्रेम को बसाने की जिद में
    बनाता रहा मिट्टी का घरोंदा

    और एक दिन तुम
    अक्टूबर की शर्मीली ठंड में
    अपने दुपट्टे में बांधकर जहरीला वातावरण
    उतर आयी थी
    शरद का चाँद बनकर
    मेरी खपरीली छत पर/////
    🙏🙏

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  9. बेहतरीन चयन , सब पढ़ आये । ज्योति जी हमेशा ही अद्भुत बिम्ब ले कर आते हैं ।

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  10. आदरणीय ज्योति सर की अद्भुत रचनाओं से सजा मुखरित मौन...।
    बहुत ही लाजवाब।

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  11. "मुखरित मौन " का एक लाज़बाब अंक,सर के बारे में मेरा कुछ कहना छोटा मुँह बड़ी बात होगी,उनकी रचनाओं की तो मैं भी मुरीद हूँ शायद ही कोई रचना हो (जो मेरे ब्लॉग जगत में आने से पहले की होगी ) मैंने नहीं पढ़ा हो,बस इतना ही कह सकती हूँ कि -सत-सत नमन है मेरा उन्हें और उनकी लेखनी को

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  12. मैं ज्योति सर की रचनाएं पढ़ती रहती हूं। उनकी रचनाएं अपने आप मे अद्भुत होती है। उनका सृजन इसी तरह अग्रेसर रहे यहीं शुभकामनाएं।

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  13. यशोदा दी,अभी भी ब्लॉगर संपर्क फॉर्म नहीं दिख रहा है।

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    1. सीधे मुझे मेल कर दीजिए
      सादर..

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