Wednesday, April 15, 2020

326 ....बीस तक अग्नि परीक्षा, फिर हलकी छूट

दुनिया में मौतों की संख्या
पाँच दिनों से गिर रही है
और
छत्तीसगढ़ में आज
कुल संक्रमित  33 +2 में से
13 स्वस्थ हो चुके
मौत एक भी नहीं हुई
आज की रचनाएँ..

कब तक तुझसे सवाल करेंगे
और कब तक तुझे
कटघरे में खड़ा करेंगे !
नहीं जानते तुझसे
क्या सुनने की
लालसा मन में
करवटें लेती रहती है !
ज़िंदगी ने जिस दहलीज तक
पहुँचा दिया है


निरंकुश, था वो कितना,
दे गईं, स्मृतियाँ! कर गईं, कुछ बोझिल!
हिस्से के, मेरे ही, वो कुछ पल,
संबाध! निरंतर...
बिखरे-बिखरे, वो बादल!


उर दर्पण में ‘उसको’ देखा 
‘उसको’ यानि स्वयं को देखा,
आश्वस्ति की लहर छू गयी
जब-जब भीतर जाकर देखा !

नवसृजित हो रही सृष्टि ....सुधा देवरानी

अस्तित्व सृष्टि का आज
यहाँ जब डोल रहा
क्रोधित कोरोना बन
हमसे ये बोल रहा

हो सावधान मानव
मत अत्याचार करो
इस वीभस्तता हेतु
ना मुझे लाचार करो


उलूक टाइम्स का गरमा-गरम पन्ना

डरों के
खण्डहरों के
अन्दर की
चाहरदीवारों के बीच कहीं

घर घर खेलने बुनने
के
आदेश का पालन
करने की
जुगत लगाते हुऐ

खिसियाये
नहीं हैं
हर्षित हैं
...
बस अब और नहीं
एक गीत तो बनता है














5 comments:

  1. इस मंच का हिस्सा बनना हमेशा ही एक प्रेरणा दे जाता है।
    आज की इन बेहतरीन लिंक्स से जुड़े समस्त रचनाकारों को अनंत शुभकामनाएँ ।

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  2. उम्दा लिंक संकलन एवं शानदार प्रस्तुति
    मेरी रचना को भी यहाँ स्थान देने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार ।

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  3. उम्दा लिंक्स संकलन।

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  4. सराहनीय, सामयिक प्रस्तुति !
    आइए सब मिल कर सर्वशक्तिमान से इस संकट से जल्द छुटकारा दिलाने की प्रार्थना करें !

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