Thursday, October 31, 2019

161..‘लौहपुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 144 वीं जयंती है

सादर अभिनन्दन
भारत के भू राजनीतिक एकीकरण के सूत्रधार 
‘लौहपुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल की 
आज 144 वीं जयंती है। 
सादर नमन
आज से भारत के नक्शे मे एक बड़ा बदलाव आया है
आज से भारत में दो केन्द्रशासित प्रदेश बढ़ गए हैं
जम्मू-काश्मीर और लद्दाख
...
और तो और आज ही
भारत के प्रधान मंत्री श्रीमति इन्दिरा गाँधी की
हत्या उन्हीं के अंगरक्षकों ले कर दी
अश्रुपूरित श्रद्धासुमन
...

ब्लॉग जगत की कलम की धार 
कुछ मुड़ी है साहित्य की ओर ....

हरी है उम्मीद, खुले हैं उम्मीदों के पट! 
विपत्तियों के, ऊबते हर क्षण में, 
प्रतिक्षण, जूझते मन में, मंद पड़ते, 
डूबते उस प्रकाश-किरण में, 
कहीं पलती है, इक उम्मीद, 
उम्मीद की, इक महीन किरण, 
आशा के, उड़ते धूल कण, 
उम्मीदों के क्षण! 


बड़ा लोभी है मन ,कोई सुन्दर-सी चाज़ देखी नहीं कि अपने भीतर संजो लेने को उतावला हो उठता है. और तो और प्लास्टिक के सजीले पारदर्शी लिफ़ाफ़े जिसमें कोई आमंत्रण-अभिन्दन या कोई और वस्तु आई हो फेंकने को सहज तैयार नहीं होता. इसे लगता है कितना स्वच्छ है इसमें अपने लिखे-अधलिखे बिखरे पन्ने सहेज लें,जो अन्यथा दुष्प्राप्य हो जाते हैं.


सुनते सुनते थक गया हूं कि दुनिया रंगमंच है 
और तू है किरदार!
 मैं ही हमेशा क्यों किरदार बनूं !
अब नहीं जीना मुझे ये जीवन.
मेरी डोर  सदैव किसी के हाथ में क्यों रहे ...
कहते हुए बड़ी तेज गुस्से में चिल्लाया था "तन "
जी हाँ मेरा अपना " तन "
आज  से मैं रंगमंच हूँ...


आस्था और विश्वास का पर्व -
हिन्दूओं का एक मात्र ऐसा पौराणिक पर्व हैं जो ऊर्जा के देवता सूर्य और प्रकृति की देवी षष्ठी माता को समर्पित हैं। मान्यता है कि -षष्ठी माता ब्रह्माजी की मानस पुत्री हैं,
प्रकृति का छठा अंश होने के कारण उन्हें षष्ठी माता कहा गया जो लोकभाषा में छठी माता के नाम से प्रचलित हुई। पृथ्वी पर हमेशा लिए जीवन का वरदान पाने के लिए ,सूर्यदेव और षष्ठीमाता को धन्यवाद स्वरूप ये व्रत किया जाता हैं। सूर्यदेव की पूजा अन्न -धन पाने के लिए और षष्ठीमाता की पूजा संतान प्राप्ति के लिए ,यानि सम्पूर्ण सुख और आरोग्यता के कामना पूर्ति हेतु इस व्रत की परम्परा बनी। 


कौन चाहता है, सबसे अलग-थलग पड़ना 
क़िस्मत ने कर दिया किनारे, क्या करें ?

ख़ुद से ज्यादा एतबार था हमें उन पर 
बेवफ़ा निकले दोस्त हमारे, क्या करें ?
...
आज बस..
कल से माह-ए-नवम्बर का आगाज़ हो रहा है
कल ही हमारे राज्य छत्तीसगढ़ 
का स्थापना दिवस भी है
जुग-जुग जियो छत्तीसगढ़
सादर..


6 comments:

  1. बहुत सुंदर प्रस्तुति....
    सादर...

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  2. इंदिरा गाँधी का चित्र दिखा कुछ अटपटा सा लगा वो भी पटेल के पन्ने पर। :) :) बढ़िया अंक।

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  3. सुंदर प्रस्तुति । प्रस्तुतकर्ता व समस्त रचनाकारों को भी बधाई ।

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  4. बेहतरीन प्रस्तुति ,लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी को सत सत नमन ,मेरी रचना को स्थान देने लिए हृदयतल से धन्यवाद यशोदा दी ,आभार एवं सादर नमस्कार आपको ,सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं

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  5. बहुत सुंदर प्रस्तुति, सुंदर रचनाओं का गुलदस्ता सभी रचनाकारों को बधाई।
    लोह पुरुष बल्लभ भाई पटेल को श्रृदा सुमन ।

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  6. रचना को स्थान देने के लिये सादर आभार
    सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं

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