सादर अभिवादन
आप सभी को दीपावली की शुभकामनाएँ
दीपोत्सव के समय दीप से बढ़कर कोई
भी पवित्र नहीं
चलिए रचनाओं की ओर..
आप सभी को दीपावली की शुभकामनाएँ
दीपोत्सव के समय दीप से बढ़कर कोई
भी पवित्र नहीं
चलिए रचनाओं की ओर..
मौन स्वर ये प्रार्थना के
तुम्हें समर्पित अविराम मेरे .
उपहार तुम्हारा अनमोल वो पल
जो लिख दिए तुमने नाम मेरे ;
प्रेम -प्रदीप्त दो नयन तुम्हारे
जब भी सुधियों में छाये !
जा तुममें ही उलझा चितवन
हर दीप में तुम्हीं नजर आये !!
एक नज़्म मेरी चोरी कर ली कल रात किसी ने
यहीं पड़ी थी बालकनी में
गोल तिपाही के ऊपर थी
व्हिस्की वाले ग्लास के नीचे रखी थी
नज़्म के हल्के हल्के सिप मैं
घोल रहा था होठों में
शायद कोई फोन आया था
कबूतर ताकते हैं छत से
कोई दाना लायेगा
इस सुन्दर से उपवन में
कोई दीवाना लायेगा
बहुत उत्सुक हैं वो
लेकिन चुपचाप बैठें हैं ,
कोई लायेगा खुशियाँ
उनकी या कोई ना लायेगा
मुबारक मुबारक मुबारक दीवाली,
बड़ी खूबसूरत मुहब्बत दीवाली।
अमावस घनेरी बहुत ही निराली,
लगे है बहुत खूबसूरत दीवाली।
एक दिया ऐसा भी हो , जो
आपके भीतर तक प्रकाश करे ,
एक दिया मृतप्राय जीवन में ,
फिर आकर कुछ श्वास भरे |
आज बस इतना ही
कल फिर मिलते हैं
कल फिर मिलते हैं
व्वाहहहह..
ReplyDeleteबेहतरीन..
दीपावली की शुभकामनाएं..
सादर..
दीप पर्व शुभ हो।
ReplyDeleteआदरणीय दीदी, सुंदरअंक। सभी रचनाएँ बहुत प्यारी है।
ReplyDeleteअमावस घनेरी बहुत ही निराली,
लगे है बहुत खूबसूरत दीवाली।
ये पंक्तियाँ आज की रात का दर्पण है।मेरी तरफ से मुखरित मौन के सभी रचनारौं सर पाठको को दीवाली कि हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई। मेरी रचना को लेने के लिए हार्दिक आभार🙏🙏🌷🌷💐🌷🌷💐🌷🌷💐
बहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत सुंदर अंक।
ReplyDeleteसुंदर लिंक सुंदर प्रस्तुति।