सादर अभिवादन
गुड़ी पड़वा व नववर्ष की शुभकामनाएँ..
गर्मी बढ़ रही है
बेतहाशा...कारण जो भी हो
खतरनाक है बढ़ना
गर्मी का....
त्राहि-त्राहि मची हुई है
पानी की.....और दूसरी ओर बहे जा रही है
शराब पानी की तरह...हमने भी झटकी
एक बोतल...देखा तो एक कीड़ा था मरा हुआ
निष्कर्ष निकला कि...
शराब कीड़े का खात्मा कर देती है
चलिए जो भी हो...रचनाओं की ओर चलें...
स्वांग .....
हैं रातें रंगीन जिनकी
वे वाह-वाह किया करते हैं
किसी की उदासी पर क्यों ?
वे मुस्कुराया करते हैं
सम्वेदनाओं की झोली उनकी
फिर भी है क्यों खाली ?
शब्दों की चाशनी में
जो जहर पिलाया करते हैं
अपनी राह .....
ये रास्ते है अदब के
कश्ती मोड़ लो ,
माझी किसी और
साहिल पे चलो ।
हम है नही खुदा
न है खास ही ,
राहे - तलब अपनी
कुछ है और ही ।
इच्छाओं का घर ....
इच्छाएं हैं भरपूर, जोरदार और कुछ मजबूर.
पर किसने दी हैं ये इच्छाएं?
क्या पिछले जनमों से चल कर आयीं
या शायद फिर प्रभु ने ही हैं मन में समाईं?
पर क्यों हैं और क्या हैं ये इच्छाएं?
शायद .....
है शब्द बहुत सामान्य सा
पर करतब इसके बहुत बड़े
जब भी उपयोग में लाया जाता
कुछ नया रंग दिखलाता
किन्तु परन्तु की उलझने
सदा अपने साथ लाता
जब भी शायद का उपयोग होता
वह मन में बिछे उलझनों के जाल में
ऐसा फंसता जैसे
मीन बिन जल के तड़पती
चलते-चलते हम पहुंचे
उलूकिस्तान.... बहुतायत दिखी पानी की
मतलब
एक
परिभाषा
अनुरूप ही
होना चाहिये
पानी
जैसे
पानी में रसायन
रासायनिक पानी
पानी का मंत्री पानी
पानी का प्रधानमंत्री पानी
गंगा का पानी
बिना कपड़े का नंगा पानी
आज्ञा दें
यशोदा ..
गुड़ी पड़वा व नववर्ष की शुभकामनाएँ..
गर्मी बढ़ रही है
बेतहाशा...कारण जो भी हो
खतरनाक है बढ़ना
गर्मी का....
त्राहि-त्राहि मची हुई है
पानी की.....और दूसरी ओर बहे जा रही है
शराब पानी की तरह...हमने भी झटकी
एक बोतल...देखा तो एक कीड़ा था मरा हुआ
निष्कर्ष निकला कि...
शराब कीड़े का खात्मा कर देती है
चलिए जो भी हो...रचनाओं की ओर चलें...
स्वांग .....
हैं रातें रंगीन जिनकी
वे वाह-वाह किया करते हैं
किसी की उदासी पर क्यों ?
वे मुस्कुराया करते हैं
सम्वेदनाओं की झोली उनकी
फिर भी है क्यों खाली ?
शब्दों की चाशनी में
जो जहर पिलाया करते हैं
अपनी राह .....
ये रास्ते है अदब के
कश्ती मोड़ लो ,
माझी किसी और
साहिल पे चलो ।
हम है नही खुदा
न है खास ही ,
राहे - तलब अपनी
कुछ है और ही ।
इच्छाओं का घर ....
इच्छाएं हैं भरपूर, जोरदार और कुछ मजबूर.
पर किसने दी हैं ये इच्छाएं?
क्या पिछले जनमों से चल कर आयीं
या शायद फिर प्रभु ने ही हैं मन में समाईं?
पर क्यों हैं और क्या हैं ये इच्छाएं?
शायद .....
है शब्द बहुत सामान्य सा
पर करतब इसके बहुत बड़े
जब भी उपयोग में लाया जाता
कुछ नया रंग दिखलाता
किन्तु परन्तु की उलझने
सदा अपने साथ लाता
जब भी शायद का उपयोग होता
वह मन में बिछे उलझनों के जाल में
ऐसा फंसता जैसे
मीन बिन जल के तड़पती
चलते-चलते हम पहुंचे
उलूकिस्तान.... बहुतायत दिखी पानी की
मतलब
एक
परिभाषा
अनुरूप ही
होना चाहिये
पानी
जैसे
पानी में रसायन
रासायनिक पानी
पानी का मंत्री पानी
पानी का प्रधानमंत्री पानी
गंगा का पानी
बिना कपड़े का नंगा पानी
आज्ञा दें
यशोदा ..
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ReplyDeleteबहुत सुन्दर संकलन ।गुड़ी पड़वा व नववर्ष की
ReplyDeleteआपको हार्दिकशुभकामनाएँ..
बहुत बढ़िया संकलन है दी...नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ। सभी रचनाएँ उत्कृष्ट हैं।
ReplyDeleteहिन्दू नववर्ष की आप सभी को शुभकामनाएं.......
ReplyDeleteप्रथम महीना चैत से गिन
राम जनम का जिसमें दिन।।
द्वितीय माह आया वैशाख।
वैसाखी पंचनद की साख।।
ज्येष्ठ मास को जान तीसरा।
अब तो जाड़ा सबको बिसरा।।
चौथा मास आया आषाढ़।
नदियों में आती है बाढ़।।
पांचवें सावन घेरे बदरी।
झूला झूलो गाओ कजरी।।
भादौ मास को जानो छठा।
कृष्ण जन्म की सुन्दर छटा।।
मास सातवां लगा कुंआर।
दुर्गा पूजा की आई बहार।।
कार्तिक मास आठवां आए।
दीवाली के दीप जलाए।।
नवां महीना आया अगहन।
सीता बनीं राम की दुल्हन।।
पूस मास है क्रम में दस।
पीओ सब गन्ने का रस।।
ग्यारहवां मास माघ को गाओ।
समरसता का भाव जगाओ।।
मास बारहवां फाल्गुन आया।
साथ में होली के रंग लाया।।
बारह मास हुए अब पूरे।
छोड़ो न कोई काम अधूरे।।
*नव संवत्सर की शुभकामनाए*
☀☀☀☀☀☀☀☀☀☀☀
यशोदा दी आपका हृदय से आभार, प्रणाम।
इस प्रतिष्ठित साहित्यकारों के मंच पर उस पथिक को स्थान देने के लिये जो साहित्य का ककहरा भी न जानता हो।
वाह ! ये गीत बहुत अच्छा है।
Deleteनवसम्वत्सर शुभ हो। आभार यशोदा जी सुन्दर मुखरित मौन प्रस्तुति में 'उलूक'के पानी का जिक्र भी करने के लिये।
ReplyDeleteशुभ नव वर्ष।
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति आदरणीय दी 👌,नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteसादर
उम्दा साप्ताहिक अंक
ReplyDeleteबेहतरीन रचनाएं
सुंदर प्रस्तुति ,यशोदा जी आपका हृदय से आभार एवं धन्यवाद ।
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति। नववर्ष की मंगलकामनाएँ।
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