Thursday, January 23, 2020

245..ज़िंदगी तलाशें, नफ़रतों के ज़हर में

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे। उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा का नारा भी उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आजाद हिन्द फौज का गठन किया था।
इनका अवसान हुआ है..ये मात्र कथन है
इसे सिद्ध कर ने के लिए..
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी और उनके परिवार का एक हिस्सा पिछले कुछ सालों से लगातार जापान के रैंकोजी मंदिर में रखी उनकी अस्थियों की डीएनए जांच की मांग करते हैं. इससे पता चल जाएगा कि ये अस्थियां नेताजी की ही हैं या नहीं. ये जांच नेताजी को लेकर बरसों से उनके निधन को लेकर चल रही रहस्यगाथा का भी पटाक्षेप कर देगी
...अब चलते हैं आज की रचनाएँ देखें

विजय शंख का नाद था गूंजा
वीरों की हुंकार भी गरजी,
सोते शेर जगाये कितने
बात नहीं है ये फरजी।


भक्ति में है शक्ति अथाह
है अनोखी वकत उसकी
यदि सच्चे मन से की जाती
कोई न कर पाता बराबरी उसकी |
भक्त की है प्रेरणा वही
जब पूरी श्रद्धा से  की जाती

अब नहीं पहचानता, मुझको ये दर्पण मेरा! 
मेरा ही आईना, अब रहा ना मेरा! 
पहले, कभी! 
उभरती थी, एक अक्स, 
दुबला, साँवला सा, 
करता था, रक्स, 
खुद पर, 
सँवर लेता था, कभी मैं भी,

धरा का मौन बादल ही 
समझता जानता है सब 
चकोरी चाँद की बातें 
सुनाई दे रही हैं अब 
मयूरा मेघ से कहता 
बता हिय बात ही वो कब 

दीवारें ही दीवारें खींच दी यहाँ-वहाँ 
पूरी बस्ती ही बना डाली एक घर में। 

इनकी नादानियों पर हँसी आती है 
ज़िंदगी तलाशें, नफ़रतों के ज़हर में। 
...
आज यहीं तक
कल फिर मिलते हैं
सादर






4 comments:

  1. नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जी की जयंती पर बहुत खूबसूरत प्रस्तुति

    ReplyDelete
  2. सुप्रभात
    उम्दा लिंक्स से सजा आज का अंक यशोदा जी |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद जी |

    ReplyDelete
  3. बहुत सुंदर प्रस्तुति

    ReplyDelete