Saturday, January 19, 2019

23....सेब को अनार है कह देने वालों की भर्ती गिरोह का सरदार करवा रहा है

सादर अभिवादन
बाईसवाँ अंक
मुखरित मौन का...
बिना किसी लाग लपेट के
सीधे चलें रचनाओं की ओर....

मन मेरा ....

मन मेरा औघड़ मतवाला

पी प्रेम भरा हाला प्याला

मन मगन गीत गाये जोगी

चितचोर मेरा मुरलीवाला


मंदिर , मस्जिद न गुरुद्वारा

गिरिजा ,जग घूम लिया सारा

मन मदिर पिपासा तृप्त हुई

रस प्रीत में भीगा मन आला




मर्जी तो मेरी ही चलेगी......

आज कल वो रोज मिलने लगा है.
बेवक्त ही, आकर खड़ा हो जाता है
मेरी दहलीज पर.
"कहता है- तुम्हारे पास ही रहूँगा.
बड़ा लगाव है, बड़ा स्नेह है तुमसे."
तुम गांडीवधारी हो या तुम्हे ख़सारा हैं
हम दांव खेला चुके,अब समर तुम्हारा हैं,


तुम फ़क़द तमाशा देखो,फब्तियां उड़ाओ,
जो चाँद पलकों पे था आँसू संग उतारा हैं,




आटे के ठोस
और तिली के मुलायम लड्डू
मीठी नीम के तड़के से
लाल मिर्च
और शक्कर भुरका नमकीन
हींग,मैथी,राई से बघरा मठा
और नये चांवल की खिचड़ी


तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते
इसीलिए तो तुम्हें हम नज़र नहीं आते

मुहब्बतों के दिनों की यही ख़राबी है
ये रूठ जाएँ तो फिर लौटकर नहीं आते




मात यशोदा द्वार पधारे

जोगी भेष शिव शंकर पुकारे
पलने में हैं  तेरे नाथ हमारे
दिखा दे मुख, तेरे भरे भंडारे



शीश जटा,चंद्र भाल पर सोहे
रवि सम कांति मुखमंडल शोभे
बाल रूप दरस मन आतुर होए

शिंगी नाद संग प्रभु को जोहें

उलूक के दरबार में आज...

किसी
को बहुत
मजा
आ रहा है

गिरोह
पढ़ा रहा
है सेब को
अनार
कहलवाना
किसी को

कोई
‘उलूक’ को

अनार है
अनार है
कह कर

एक सेब
रोज
दिखा रहा है ।



आज बस यहीं तक
फिर मिलेंगे
यशोदा 

8 comments:

  1. बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति

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  2. आभार यशोदा जी 'उलूक' के पन्ने को जगह देने के लिये आज के मुखरित मौन की लाजवाब प्रस्तुति में ।

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  3. शानदार प्रस्तुति
    सभी रचनाकारों को बधाई
    मुझे सम्मलित करने का आभार
    सादर

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  4. वाह बहुत सुंदर प्रस्तुति
    सभी रचनाएँ एक से बढ़कर एक
    इन उम्दा रचनाओं की बीच मुझे भी स्थान देने के लिए हार्दिक आभार आदरणीया यशोदा दीदी जी

    सभी को खूब बधाई सादर नमन शुभ संध्या

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  5. बहुत ही सुंदर प्रस्तुती
    उम्दा रचनाएं
    मुहब्बतों के दिनों की यही ख़राबी है- वसीम बरेलवी जी रचना सम्मिलित करने के लिए आभार.....सादर

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  6. सादर आभार दी सुंदर सारगर्भित रचनाएँ पढ़वाने के लिए।
    मेरी रचना शामिल करने के लिए हृदय से बहुत धन्यवाद।

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  7. सुंदर और सारगर्भित रचनाएँ पढ़वाने के लिए आपका बहुत बहुत आभार दी. मेरी रचना शामिल करने के लिए हृदयतल से आपका बहुत बहुत आभार ।सादर 🙏 🙏 🙏

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