जय मातेश्वरी
या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
आज माँ कालरात्रि दर्शन देंगी
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता |
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी ||
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा |
वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयन्करि ||
नवरात्रि की सप्तमी के दिन माँ कालरात्रि की आराधना का विधान है। इनकी पूजा-अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है व दुश्मनों का नाश होता है, तेज बढ़ता है। प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में सातवें दिन इसका जाप करना चाहिए।
ॐ ऐं ह्रीं क्रीं कालरात्रै नमः
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ReplyDeletePhysics Class 12 Chapter 1 Important Questions For UP Board 2021
A FELLOW TRAVELLER— A.G. Gardiner, Lesson-2, MIQ Solution, Prose, Class-12th.
अपने नगर या गांव की सफाई हेतु संबंधित अधिकारी को प्रार्थना-पत्र. लिखिए।
वाह!बहुत सुंदर ।
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