सादर अभिवादन
नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्रि शब्द एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'नौ रातें'। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है।
आज माताश्री के पहले दर्शन शैलपुत्री के रुप में
आज की रचनाएँ..
देवी दुर्गा जय महेश्वरी
राजेश्वरी, मात जगदम्बा,
आश्विन शुक्ल नवरात्रि शारद
अद्भुत उत्सव कालरात्रि का !
देवी का आगमन सुशोभन
उतना ही है भव्य प्रतिगमन,
जगह-जगह पंडाल सजे हैं
करते बाल, युवा सब नर्तन !
हर कोई यही चाहता है कि जब तक जिंदगी है वह स्वावलंबी बना रहे ! पटाक्षेप होने तक चलायमान स्थिति में रह सके ! सच भी है, जब तक इंसान क्रियाशील रहता है उसका शरीर भी साथ देता रहता है ! उम्र को सिर्फ एक अंक मानने वाले ज्यादा देर तक गतिशील बने रहते हैं ! पर इसके बावजूद इंसान अब इंसान ना रह कर मशीन बना दिया गया है ! जब तक काम करती है, बढ़िया ! अन्यथा उठा कर "स्क्रैप" में फेंक दो ! देश में यूँही नहीं सैंकड़ों की तादाद में वृद्धाश्रम खुलते जा रहे हैं ! वह भी वहां, जहां बचपन से ही माँ-बाप को भगवान का दर्जा देने की सीख दी जाती है ! वहां इन तनहा इंसानों को डोलते देख रूह कांप जाती है !!
कंजूस प्रेमी नहीं होता..हो नहीं सकता।
नहीं तो वह कंजूस नहीं हो सकता।
ये दोनों बातें एक साथ नहीं घट सकतीं;
ये विपरीत हैं। जितना तुम धन को इकट्ठा करते हो
उतना ही तुम्हारा प्रेम पर भरोसा कम है।
तुम कहते होः कल क्या होगा? बुढ़ापे में क्या होगा
मेरा प्रेम
था अलिंद के बाएं कोने पर
ऐसा रिक्त स्थान
जहाँ हमने सहेजी
सिर्फ व सिर्फ तुम्हारी मुस्कान
परत दर परत
चिहुंकती चौंकती खिलखिलाती
तो कभी मौन स्मित मुस्कान
सादर
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteविविध रचनाओं से सज्जित सार्थक संकलन ।सभी को नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐
ReplyDelete