सादर अभिनन्दन
कल का दिन थका देने वाला था
फिर भी नींद सही आई
चलिए चले रचनाओँ की ओर..
कल का दिन थका देने वाला था
फिर भी नींद सही आई
चलिए चले रचनाओँ की ओर..
जो अच्छी लगती, बुरा नहीं लगता
रूह से जा लगती, बुरा नहीं लगता
क्यों न हो तुझ में कोई खामी
मुझी से हो पुरी बुरा नहीं लगता
वहशत ना होती बाल नोचने तक
हिज़्र नहीं होती बुरा नहीं लगता
लुप्त होता शिष्टाचार ..
अशुद्ध आचार विचार ..
फैलता भ्रष्टाचार ...
मिथ्या प्रचार....
चहुँ दिस अंधियार...
मनुज लाचार...
क्या है इसका उपचार..
क्या है इसका समाधान..
बहुत सी मिठाइयों में मावा/खोया का इस्तेमाल होता हैं। बाजार में मिलने वाला मावा ज्यादातर बार मिलावटी होता हैं। हम यदि घर में दूध से खोया बनाने की सोचे तो बहुत वक्त लगता हैं। इसलिए आज मैं आपको मिल्क पाउडर से इंस्टंट मावा/खोया (instant mava/khoya from milk powder) बनाने की आसान रेसिपी बता रहीं हूं। इस मावा का स्वाद बिल्कुल वैसा ही होता हैं जैसा की मार्केट में मिलता हैं। लेकिन ये मिल्क पाउडर से बना होने से थोड़ा सा मीठा ज्यादा होता हैं क्योंकि मिल्क पाउडर में थोड़ी सी चीनी होती हैं।
जड़ जंगल पादपों का वैभव
जीवनदायनी सदानिरायें निर्मल
तन हरीतिमा चिंकुर प्राणवायु
पय पल्लवित जीव अति दुर्लभ
हिज्र तो याद है पर वस्ल की रात
आई कब और ढली याद नहीं
गो मैं ग़ाफ़िल हूँ नहीं इश्क़ की पर
आग थी कैसे जली याद नहीं
काम क्रोध और मोह नहीं,
ना लोभ की बात है।
ऐसा लगता इस उपवन में,
हंसों की ही जात है ।।
स्वर्ग यहीं मिल गया अब तो,
यही है मानवता का उपहार।।।
आज बस
कल फिर मिलेंगे
सादर
कल फिर मिलेंगे
सादर
बेहतरीन...
ReplyDeleteसादर..
सभी रचनाकारों को सादर प्रणाम, आप सबको उत्कृष्ट रचनाओं के लिए साधुवाद
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteलुप्त होता शिष्टाचार ..
ReplyDeleteअशुद्ध आचार विचार ..
फैलता भ्रष्टाचार ...
मिथ्या प्रचार....
चहुँ दिस अंधियार...
मनुज लाचार...
यह सब मनुष्य की ही अतिमहत्वाकांक्षा का परिणाम है।
सुंदर और सार्थक संदेश देने वाले लिंक्स, सादर नमन।
सुंदर रचनाएं।
ReplyDeleteआभार
खूबसूरत प्रस्तुति।
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