सादर नमस्कार
हमें भी नयी प्रतियोगिता
की सूचना की प्रतीक्षा है
आज के पिटारे की रचनाएँ....
हिन्दी भाषा देश की, सब भाषा सिरमौर।
शब्दों के भण्डार हैं, भावों के नहिं छोर।
भावों के नहिं छोर, सहज सी इसकी बोली।
उच्चारण आसान, रही संस्कृत हमजोली।
कहे सुधा ये बात, चमकती माथे बिन्दी।
भारत का सम्मान, देश की भाषा हिन्दी।।
कितना सताया है मुझे
इंतज़ार करके हारी
मेरी परीक्षा कब तक लोगे
मेरे श्याम बिहारी |
घंटों बैठी बाट निहारती
तुम न आए गिरधारी
व्हाट्सप्प के द्वारा दिए गए न्यू नोटिफेक्शन के बाद अधिकतर यूजर्स ने व्हाट्सप्प को डिलीट करना शुरू कर दिया है. टेलीग्राम एक फ्री एप्लीकेशन है जिसके माध्यम से आप चेटिंग कर सकते है. और किसी भी फोटो वीडियो या किसी भी तरह की कोई भी फाइल बहुत ही आराम से शेयर कर सकते हो. इस एप्लीकेशन की सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें आपके द्वारा की गयी चैट किसी भी सर्वर पर सेव नहीं होती।
कोई सुबह बंद लिफ़ाफ़े में शबनमी
पयाम ले के आए, तितलियों
के पर, जो खो गए कोहरे
में कहीं, ख़ुश्बुओं में
ढल कर रात का
सलाम ले के
आए।
एक मूरत से लगा दिल तो महल छोड़ दिया
इश्क़ में अब कहाँ मीरा सी दीवानी कोई
वीडियो गेम लिए सो गए बच्चे सारे
अब न राजा है न परियों की कहानी कोई
...
आज बस
सादर
...
आज बस
सादर
बेहतरीन रचनाएँ पढ़ी आपने आज..
ReplyDeleteहमें पढ़वाने का लोभ संवरण नहीं कर पाए..
आभार..
सादर..
बेहद उम्दा एवं पठनीय रचनाओं से सजा लाजवाब मुखरित मौन मंच... बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतीकरण।
ReplyDeleteमेरी रचना को यहाँँ स्थान देने हेतु हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार आपका।
विश्व हिंदी दिवस की असंख्य शुभकामनाएं, विविध रंगों से सरोबार मुखरित मौन मुग्ध करता हुआ, मुझे जगह देने हेतु हार्दिक आभार आदरणीय दिग्विजय जी - - नमन सह।
ReplyDeleteसुप्रभात
ReplyDeleteआज की लिंक्स बहुत अच्छी लगीं | मेरी रचना को स्थान देने के लिए धन्यवाद दिग्विजय जी |
बहुत सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteहार्दिक आभार आप सभी का
ReplyDelete