Wednesday, November 25, 2020

550 ...सजल दो नैन जले, अनबुझ, मेरी डेहरी पर

सादर अभिवादन
आज प्रबोधिनी एकादशी है 
आज देव जागेंगे
कुमार-कुमारियों के भाग भी आज से ही
कुलांचे भरने लगेंगे
आज मेरी भाभी के लड़के की शादी है
मुझे न कार्ड आया है और न ही फोन
इसे ही कहते हैं कोरोना का प्रभाव
खैर..सावधानी ही उपचार है
....
रचनाएँ...



शुक्ल पक्ष एकादश जानें।
कार्तिक शुभ फलदायक मानें ।।
चार मास की लेकर निद्रा।
विष्णु देव की टूटी तंद्रा ।।
श्लोक मंत्र से देव जगाएं ।





सजल दो नैन जले, अनबुझ, मेरी डेहरी पर,
जैसे रैन ढ़ले, सजग प्रहरी संग,
ऐसा चैन बसेरा!
कोई छीने, मुझसे क्या मेरा!
निश्चिंति का ऐसा घेरा,
पाता मैं कैसे!
बस, आभारी हूँ मैं, कह दूँ कैसे?





कोरोना आया बताए बिना  
पंख फैलाकर उड़ा बिना पंख
मटियामेट कर गया जीवन को
सामान्य जन जीवन अस्तव्यस्त हुआ |
फिर लौट कर मुंह चिढाया
न कहा अलविदा फिर से हाबी हुआ





सुना था कि ,तुमनें
इस दिवाली .......
सारा घर साफ कर डाला ।
घर ? या वो यादें
वो सपने ..
वो नोटबुक की स्याही 
वो आँगन का बडा पेड़
बैठ छाँव में जिसकी 
गाते थे गीत 


सबसे सुंदर और सस्ता देश
हम भारतीयों का हमेशा एक सपना होता है कि 
हम कम से कम एक बार विदेश यात्रा करें, 
चाहे वह पत्नी के साथ हनीमून हो या 
बच्चों के साथ छुट्टियां मनाने का कार्यक्रम।

इंडोनेशिया



इंडोनेशिया में, एक भारतीय रुपए की कीमत 206 इंडोनेशियाई रुपए है, इसका मतलब है कि यहां आपके 1 लाख रुपए की कीमत 2 करोड़ 60 हजार रुपए होगी।



हवा स्थिर थी
जब रौशन किया था 
एक दीया
मचल गई ईर्ष्यालु आँधी
और 
लौ को हाथों की ओट
दे दिया हमने 

9 comments:

  1. शुभ संध्या । मेरी रचना को स्थान देने हूतु हृदय से आभार ।

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  2. हैरत है बुआ को न्योता नहीं आना...

    सराहनीय प्रस्तुतीकरण

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  3. मेरी रचना को स्थान देने के लिये हार्दिक आभार

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  4. सुप्रभात
    उम्दा लिंक्स इस अंक की |मेरी रचना को शामिल करने के लिएआभार सहित धन्यवाद |

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  5. सभी सूत्र पर शानदार रचनाएँ!! आभार हमारी रचना को स्थान देने के लिए|

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  6. बहुत सुंदर प्रस्तुति

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