Friday, November 6, 2020

531..कौन जाने कब किसका पलड़ा भारी हो जाए!!

पाँच सौ इक्तीसवीं प्रस्तुति
हमारे खाते
सादर नमस्कार
वर्ष 2020 
एक हास्टल के कमरे जैसा हो गया है
जो शुरु होते हुए भी खत्म हो जाता है
अच्छा ही है..त्रासदी जितना जल्दी खत्म हो
यह हर कोई चाहता है
चलिए आज का पिटारा खोलें...


यह किस्मत साथ तभी देती है 
जब हम अभ्यास करते हैं 
और यह अभ्यास तभी रंग लाता है
 जब किस्मत साथ हो।

दोनों एक दूसरे के पूरक हैं 
अन्योन्याश्रय का संबंध से जुड़े हैं।





अचानक चाँद बादलों में छिप जाता है,
अतृप्ति का भाव मन में जगाता है,
पर थोड़ी देर में बादल छंट जाते हैं,
दूधिया चाँदनी फिर से बरसने लगती है .





भारत में धोखाधड़ी और धन शोधन के 
आरोपों में वांछित भगोड़े 
हीरा कारोबारी नीरव मोदी के 
प्रत्यार्पण का मामला लन्दन में 
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में 
अंतिम स्तर में पहुँचने के कारण 
अटकलें और सट्टाबाजार जोर पकड़ रही थी।



विभिन्न सम्प्रदायों के समूह,
विचारधाराओं की विविधता
संकीर्ण मानसिकता वाले
शब्दार्थ से बदलकर
मानव को मनुष्यता का 
पाठ भुलाकर
स्व के वृत में घेरनेवाला
'धर्म' कैसे हो सकता है?



मांगने
को 
हिकारत से 
देखे
कोई

फिर भी 
ताज़िंदगी
मंगता रहे
कोई

एक
भिखारी
को कौड़ी
दे कर
कोई

कर्ण बनने 
का दम
भरता
कोई
...
इति शुभम्
सादर



6 comments:

  1. अच्छा चयन..
    आभार..
    सादर..

    ReplyDelete
  2. सुन्दर संकलन.आभार.

    ReplyDelete
  3. बेहतरीन लिंक्स
    बहुत अच्छा संयोजन

    आपके श्रम को नमन एवं साधुवाद,
    सादर
    डॉ. वर्षा सिंह

    ReplyDelete
  4. असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका

    श्रमसाध्य प्रस्तुतीकरण हेतु साधुवाद

    ReplyDelete
  5. सुंदर चयन .... शुभकामनाएं

    ReplyDelete