स्नेहाभिवादन !
आज की सांध्य दैनिक प्रस्तुति में सभी रचनाकारों और पाठकों का हार्दिक स्वागत !
'सांध्य दैनिक मुखरित मौन' की आज के चयनित सूत्रों की प्रस्तुति मेरी ओर से ….
मैंने पत्थर में भी फूलों सी नज़ाकत देखी
पिस के सीमेंट बने, ऐसी शराफ़त देखी
थी तेज हवा, उनका आँचल गिरा गई
इस शहर ने उस रोज क़यामत देखी
जीवन जितना सरल है उतना ही जटिल भी. जिसने यह राज समझ लिया वह सरलता और जटिलता दोनों से ऊपर उठ जाता है. जिस क्षण में जीवन जैसा मिलता है, उसे वह वैसा ही स्वीकार करता है. वन में जहरीले वृक्ष भी हैं और रसीले भी, गुलाब में कंटक भी हैं और फूल भी, यदि हम एक को स्वीकारते हैं और दूसरे को अस्वीकारते हैं तो मन सदा एक संघर्ष की स्थिति में ही बना रहता है.
गुलाब के फूल
जब भी खिलेंगे
तो बहुत याद आओगे
इतनी आसानी से
मुझे न भूल पाओगे
मैं कोई महक नहीं
जो वायु के संग बह जाऊं
''मम्मी, पुण्य तो भूखे को रोटी खिलाने से मिलता हैं न? जिस तरह गैया को भूख लगती हैं ठीक उसी तरह सांड को भी तो भूख लगती होगी...फ़िर सिर्फ़ गैया को ही रोटी खिलाने से पुण्य क्यों मिलता हैं? सांड को रोटी खिलाने से पुण्य क्यों नहीं मिलता?
परिपक्व
हो चुके हैं हम
समझते हैं
समझ होनी
जरूरी है
आस पास
बहुत कुछ
होता है
बताना
किसलिये
जरूरी है
मदारी
ने ध्यान
भटकाया है
उसी
भारत
एक खोज
वाले के
भूत ने
प्रज्ञान को
लुढ़काया है
★★★★★
शुभ संध्या
🙏
मीना भारद्वाज
बेहतरीन प्रस्तुति..
ReplyDeleteआभार..।
सादर..
ReplyDeleteमैंने पत्थर में भी फूलों सी नज़ाकत देखी
पिस के सीमेंट बने, ऐसी शराफ़त देखी...
पर इंसान जिसके पास दिल है, वह क्यों पत्थर से भी अधिक कठोर हो जाता है ..जब किसी की उपेक्षा करनी होती है ..?
सार्थक रचना एवं प्रस्तुति।
सादर प्रणाम।
बहुत सुन्दर अंक। आभार मीना जी।
ReplyDeleteशानदार लिंक्स चयन
ReplyDeleteउम्दा प्रस्तुतीकरण
बहुत सुंदर संकलन मीना दी सारगर्भित रचनाओं से सजी उम्दा प्रस्तुति।
ReplyDeleteबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति। बेजोड़ रचनाओं का संकलन।
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteशानदार मुखरित मौन।
बहुत सुंदर प्रस्तूति। मेरी रचना को सांध्य दैनिक मुखरित मौन में साझा करने के लिए धन्यवाद, मीना दी।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति |
ReplyDeleteमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
देर से आने के लिए खेद है, सुंदर प्रस्तुति..आभार !
ReplyDeletethanks gym motivaional quotes
ReplyDeletethanks gym motivaional quotes
ReplyDeletethanks gym motivaional quotes
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