स्नेहाभिवादन !
सभी रचनाकारों और पाठकों का हार्दिक अभिनन्दन..
सांध्य प्रस्तुति के सूत्र साझा करने से पूर्व आप सब को शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई …
आज हमारे देश के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति
महान शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस है ।
आज के दिन देश के सभी शिक्षण संस्थानों में
महान शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस है ।
आज के दिन देश के सभी शिक्षण संस्थानों में
विद्यार्थियों द्वारा अपने शिक्षकों के सम्मान में विविध कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं
जिनका उद्देश्य अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करना होता है ।
जिनका उद्देश्य अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करना होता है ।
आइए हम भी अपने शिक्षकों सहित माता-पिता, भाई-बहन, संगी-साथी, बड़े-छोटे..
जिनसे हमें कुछ प्रेरणा मिली है उनके प्रति सम्मान ज्ञापित करते पढ़ते हैं आज
जिनसे हमें कुछ प्रेरणा मिली है उनके प्रति सम्मान ज्ञापित करते पढ़ते हैं आज
की रचनाएँ ----
माता पिता
समाज
परिवेश
घर गाँव
शहर देश
पता नहीं
यहाँ तक
आते आते
किसने क्या
क्या पढ़ाया
शिक्षक दिवस
पर आज
अपने गुरुजनों
के साथ साथ
हर वो शख्स
मुझे याद आया
रोटी कपड़ा मकान
फ़ेहरिस्त में ये भी शामिल है
मेरे ख़्वाबों में तुम ही हर पल नहीं रहते
जो रह गए गिले शिकवे
आओ आज अभी निपटा ले
मेरे तारीख़ के पन्नो में कल नहीं रहते
तुमने कई बार मुझको ठुकरा दिया,
एक उम्मीद तेरे इंतज़ार में क्यों ठाड़ी रही,
मेरे घर में रौनकों का बसेरा रहा,
बेटियां मेरी आँगन की दुलारी रही,
जीवन को सार्थक बनाने में एवं विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण में शिक्षक का अतुलनीय योगदान होता है।
पाठ्यक्रम की शिक्षा के साथ ही संस्कार, समझ , कौशल या कह ले की जीवन जीने की हर कला का ज्ञान
हमे हमारे शिक्षकों से ही प्राप्त होता है। बच्चों के उज्वल भविष्य का दायित्व शिक्षक पर ही होता है
और अपने दायित्व निर्वाह में वे कभी कोई कमी नहीं लाते हैं।
पाठ्यक्रम की शिक्षा के साथ ही संस्कार, समझ , कौशल या कह ले की जीवन जीने की हर कला का ज्ञान
हमे हमारे शिक्षकों से ही प्राप्त होता है। बच्चों के उज्वल भविष्य का दायित्व शिक्षक पर ही होता है
और अपने दायित्व निर्वाह में वे कभी कोई कमी नहीं लाते हैं।
चाहे हम कितने ही परेशान हो, कितने ही
संकटों से घिरे हों, विपत्तियां हमारा मार्ग
रोकती हों,हम हताश और निराश होकर
हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहें किंतु इसकी
रफ़्तार कम नहीं होती,वह चलती रहती है,
सुबह से शाम की और ढलती रहती है,बस
यही सनातन सत्य है-
" जीवन चलने का नाम
चलते रहो सुबहोशाम।"
★★★★★
शुभ संध्या
🙏
'मीना भारद्वाज'
शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं। आभार मीना जी।
ReplyDeleteआफको भी शुभकामनाएँ..
ReplyDeleteआप भी शिक्षिका रही हैं
बेहतरीन प्रस्तुति..
सादर..
सार्थक प्रस्तुति दी , प्रणाम।
ReplyDeleteसच में गुरुजनों की याद आ गयी मुझे भी।
जब कोलकाता से वाराणसी गया और कक्षा दो में मेरे टिफिन बाक्स में अंगूर और काजू बर्फी की जगह टमाटर और पराठा आ गया,तो वे मेरे गुरु जी ही थें जो " लाल- लाल है पके टमाटर, खा कर देखो कितने अच्छे " कह मेरा मन बहलाते थें।
उन्होंने बचपन में मुझे अपनी इच्छाओं नियंत्रण रखने का पाठ पढ़ाया। उनका स्मरण हो आया आज ।
शानदार सांध्य दैनिक।
ReplyDeleteसभी रचनाएं बहुत सुंदर।
आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
बहुत रोचक संकलन हैं।मुझे स्थान देने के लिए आभार।
ReplyDeleteशिक्षक दिवस की शुभकामनाएं।
शिक्षक दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं, बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई
ReplyDeleteवाह बहुत सुंदर प्रस्तुति! सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुतीकरण
ReplyDeletethanks gym motivaional quotes
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