सादर अभिवादन..
आज की दौड़ में पुनः शामिल हुई है
आज की रचनाएं अनुपमा दीदी की अनुपम रचनाओं के साथ
आदरणीय दीदी अपने बारे में स्वयं बता रही है
महाविद्यालय में पढ़ाया.
आकाशवाणी में गाया और फिर सब सहर्ष छोड़ गृहस्थ जीवन में लीन हो गई .
अभी भी लीन हूँ किन्तु कुछ मन में रह गया था जो उदगार पाना चाहता था .
अब जब से लिखने लगी हूँ पुनः गाने लगी हूँ ...मन प्रसन्न रहता है .परिवार ...
कुछ शब्द और एक आवाज़ .....बस यही परिचय है ....
आप सभी मित्रों से स्नेह की अभिलाषा है ...
आज प्रस्तुत है उन्हीं की पसंद की रचनाएँ
किसलय का डोलता अंचल ,
नदी पर गहरी स्थिर लहरें चंचल
झींगुर की रुनक झुनक सी नाद ...
करती हैं कैसा संवाद
पग धरती विभावरी ,
दूर दिखता निर्मल पानी
चमक देख मन में हैरानी
चमकीला सा पानी
जाकर झट पी जाऊं
अटक -भटक थी मेरे मनमे
प्यास बुझाऊँ --
निमुवा फूले मनवा झूले ,
मियां मल्हार की बहार ,
सावन की ऋतु नेह बरसता ,
हरियाई मनुहार …!!
छमाछम झमाझम ....
बूंदों की खनक ,
मेरे आँगन .......
आई हुई मन द्वार ,
नव पात में,नव प्रात में
प्रस्फुटित हरीतिमा की कतार ,
सावन की बहार !!
मूँद कर पलकें जो सोई
स्वप्न जैसे सो गए
राहें धूमिल सी हुईं
जो रास्ते थे खो गए ,
..
आभार दीदी
आपने लिंक दिया आसानी हुई
सादर
आभार दीदी
आपने लिंक दिया आसानी हुई
सादर
निमुवा फूले मनवा झूले ,
ReplyDeleteमियां मल्हार की बहार ,
सावन की ऋतु नेह बरसता ,
हरियाई मनुहार …!!
शानदार..
धन्यवाद आदरणीय।
Deleteधन्यवाद यशोदा जी आज पुनः मौका दिया मेरी रचनाओं को इस पटल पर शामिल होने का | कृपया इसे दौड़ न कहें क्यूंकि मैं अपने आप को इस काबिल नहीं समझती कि किसी दौड़ में शामिल हो सकूं | हाँ ये आपका प्यार है जो यहाँ परिलक्षित हो रहा है | आप की सराहना एवं प्रशंसा सर आँखों पर | आशा है आप सभी को मेरी ये रचनाएँ पसंद आएँगी |
ReplyDeleteआभार..
Deleteआइंदा ध्यान रक्खूँगी
सादर नमन..
अनुपमा दी कि रचनाएं उनके नाम के अनुरूप ही अनुपम होती है।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ज्योति जी ।प्रशंसा हेतु हृदय से आभार। स्नेह बनाए रखियेगा।
Deleteनिमुवा फूले मनवा झूले ,
ReplyDeleteमियां मल्हार की बहार ,
सावन की ऋतु नेह बरसता ,
हरियाई मनुहार …!!///
धन्यवाद रेणु जी, स्नेह बनाए रखियेगा ।
Deleteझमाझम सावन के साथ अनुपमा जी सुंदर रचनाएँ ,वो भी उनकी अपनी पसंद की , पढ़ना बहुत अच्छा लग रहा है | आपको बहुत बहुत बधाई अनुपमा जी | सभी रचनाएँ सुंदर , सुकोमल शब्दावली और भावों की प्रगाढ़ता से परिपूर्ण हैं |आपको और मुखरित मंच के साथ यशोदा दीदी को हार्दिक बधाई इस सुंदर प्रस्तुति के लिए |
ReplyDeleteआपकी इस सुहृद टिप्पणी हेतु हृदय से धन्यवाद ।आभारी हूँ आपने अपना बहुमूल्य समय दिया और सभी रचनाओं का रसास्वादन लिया ।
Deleteसबसे पहले तो आदरणीया यशोदा दीदी को हार्दिक धन्यवाद कि मुखरित मौन पर वे अनुपमा दीदी को ले आईं।
ReplyDeleteआदरणीया अनुपमा दी के ब्लॉग स्वरोज सुर मंदिर पर मैं बहुत बार गई हूँ। मेरे जैसे संगीत प्रेमी के लिए खजाना है वहाँ। दूसरे ब्लॉग पर आपकी कविताएँ भी कई बार पढ़ी हैं,जो मनमोहक शब्दावली एवं अनूठे बिंबों से सजी हैं।
इसके अलावा ब्लॉग पर लगा हुआ आपका मोहक हँसमुख चित्र भी मुझे बहुत आकर्षित करता है और एक दो मिनट तो मैं उसे ही देखती रह जाती हूँ।
बहुत सारा स्नेह व शुभकामनाएँ आपके लिए अनुपमा दी।
सबसे पहले मीना जी आपको ढेर सारा प्यार!!आज इतना प्यार देकर आपने मेरा दिन बना दिया । बहुत अच्छा लगा आपने मेरा दूसरा ब्लॉग भी पढ़ा।अपना स्नेह बनाए रखिएगा!! बहुत बहुत धन्यवाद आपको भी और यशोदा जी को भी ।
Deleteअनुपमा जी की रचनाओं से सज्जित आज का सुंदर अंक अनुपमा जी की तरह हमारे लिए अनुपम है,उनकी काव्य रचना तो सुंदर होती ही है,उनकी आवाज भी मधुर है,मीना जी की तरह मैं भी उनके स्वरोज सुर मंदिर पर जाके संगीत का आनंद ले लेती हूं, ऐसे ही आप अपने सुर और चेतना मुखरित करती रहें,मेरी हार्दिक शुभकामनाएं,यशोदा दीदी को मेरा सादर नमन।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद जिज्ञासा जी आपकी स्नेहमयी प्रशंसा के लिए ।
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